Shiva-Mahadev Temples in Rajasthan: भारत में देवों के देव महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग के अलावा भी कई मंदिर है, जो साक्ष्यात रूप में है। भगवान शिव के दर्शन मात्र से भक्तों दुःख और सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। आज हम आपको महादेव के कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है, जहां आपको एक बार जरूर जान चाहिए।
राजस्थान के प्रशिद्ध भगवान शिव मंदिर
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग (सवाई माधोपुर, शिवाड़)
घुश्मेश्वर महादेव मंदिर को भगवान शिव के बारहवें ज्योतिर्लिंग (Ghushmeshwar Jyotirlinga ) के रूप में माना जाता है। यह मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के पास शिवाड़ में स्थित है। यहां देशभर से भक्त भगवान शिव के दर्शन करने आते है। महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां भक्तो का मेला लगता है।
अचलेश्वर महादेव (सिरोही)
Achleshwar mahadev mandir राजस्थान के सिरोही जिले में ऋषि वशिष्ठ की तपस्थली माउंटआबू के अचलगढ़ की पहाड़ियों पर अचलगढ़ के किले के पास स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।
एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर (जयपुर)
जयपुर के मोती डूंगरी पर स्थित एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर (Eklingeshwar Temple) जयपुर की स्थापना से भी पुराना है। यहां भगवान शिव अकेले विराजमान है। भोलेनाथ का यह मंदिर केवल महाशिवरात्रि के दिन ही खुलता है। इसे शंकर गढ़ी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं पहाड़ी के निचे गणेश मंदिर है, जिन्हें मोती डूंगरी गणेश मंदिर के नाम से पूरे भारत में जाना जाता है।
ताड़केश्वर महादेव (जयपुर)
ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर शहर के बीचों-बीच स्थित है। यह शिव मंदिर भी कई वर्षो का इतिहास समेटे हुए है। यहां रोज भक्त महादेव के दर्शन करने आते है। इस मंदिर में राजस्थानी स्थापत्य और स्थानीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
एकलिंग जी (उदयपुर)
राजस्थान के उदयपुर के कैलाशपुरी जिले में स्थित एकलिंग जी महादेव का मंदिर पूरी दुनिया में प्रशिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण मेवाड़ के महाराणाओं द्वारा करवाया गया था। महाराणा प्रताप युद्ध में जाने से पहले यहाँ भगवान शिव की पूजा करते थे। एकलिंग जी मेवाड़ के महाराणाओं के इष्टदेव या कुल देवता भी है।
नीलकंठ महादेव मंदिर (दौसा)
कुश के वंशो के द्वारा नवी शताब्दी में नीलकंठ महादेव मंदिर की स्थापना हुई। यह मंदिर अरावली पर्वत शृंखला की नीलगिरि पहाड़ी पर स्थित है। महाशिवरात्रि के पर्व पर नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है।
देव सोमनाथ मंदिर (डूंगरपुर)
12वी सदी में निर्मित 3 मंजिला देव सोमनाथ मन्दिर राजस्थान के डूंगरपुर में स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से मांगता तो, उसकी हर मनोकामना जरूर पूरी होती है। महाशिवरात्रि और सावन के दिनों में यहां भक्तों की काफी भीड़ रहती हैं। सोम नदी के किनारे स्थित इस मंदिर की खासियत है कि यह 108 खंभों पर टिका है, जो मिट्टी और चूने से जुड़े हुए हैं।
बेणेश्वर महादेव का मंदिर (डूंगरपुर, नवाटापुरा)
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित बेणेश्वर महादेव सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर बना है। इसे “आदिवासियों का हरिद्वार” या “बगड़ का कुम्भ” भी कहा जाता है। बेणेश्वर धाम में राधाकृष्ण, ब्रह्माजी मंदिर भी है।
शीतलेश्वर महादेव मंदिर (झालरापाटन)
राजस्थान के झालरापाटन में स्थित शीतलेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण 689 ई. में हुआ था। मंदिर में मुख्य देवता शिव के लकुलीश रूप की उपासना की जाती है, जो पाशुपत संप्रदाय के जन्मदाता थे।
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राजस्थान में शिवजी के अन्य मंदिर
- हल्देश्वर महादेव मंदिर :- (पीपलूद , सिवाना)
- मण्डलेश्वर शिव मन्दिर :- (अर्थूना, बांसवाड़ा)
- हर्षनाथ जी का मंदिर :- हर्ष की पहाड़ी (सीकर)
- तिलस्वा महादेव मन्दिर :– भीलवाड़ा
- महामन्दिर / सिरे मंदिर :- जोधपुर
- कंसुआ का शिव मंदिर (कोटा)
- चार-चैमा का शिवालय (कोटा)
- कपालीश्वर महादेव मन्दिर :– इन्द्रगढ़ (बूँदी)
- मातृकुण्ड़िया का मन्दिर :- राश्मी गाँव (चित्तौड़गढ़)
- भंडदेवरा शिव मंदिर :- (बारां)
- फूलदेवरा शिवालय :- अटरू (बारां)
- बाड़ौली के शिव मन्दिर :- भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़)
- गड़गच्च शिवालय :– अटरू (बारां)
- गुप्तेश्वर मन्दिर :– उदयपुर
- सेपऊ महादेव मन्दिर :– धौलपुर
- अचलनाथ महादेव :- जोधपुर
- केशव राय मंदिर :– केशवरायपाटन (बूँदी)
- सारणेश्वर मंदिर :– सिरोही
- हरणी महादेव मन्दिर :– भीलवाड़ा
- भूतेश्वर महादेव मंदिर :- बसेड़ी (धौलपुर)
- चौपड़ा महादेव मंदिर :- धौलपुर
- नई नाथ धाम (दौसा)
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