भगवान कृष्ण यानि ठाकुर जी की पूजा सनातन धर्म के लोग काफी भक्ति भाव से करते है। ठाकुर जी ने कई तरह की लीलाएं रची, जिन्हें भगवान कृष्ण की लीला भी कहा जाता है। आज भी कई बार ठाकुर जी लीलाएं रचते रहते है। वैसे भगवान कृष्ण ने अधिकतर लीलाएं श्री वृंदावन धाम में रची और वहीं सात ठाकुर जी प्रकट हुए। लेकिन आज वृंदावन में तीन, राजस्थान (Rajasthan) में तीन और एक मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में विराजमान है।
सात ठाकुर जी कहां -कहां विराजमान है
उत्तरप्रदेश – राधा रमण जी, राधा वल्लभ जी और बांके बिहारी जी (वृंदावन धाम)
राजस्थान – गोपीनाथ जी (जयपुर), गोविन्द देव जी (जयपुर), मदन मोहन जी (करौली),
मध्य प्रदेश – जुगल किशोर जी (पन्ना)
कैसे सातों ठाकुर जी एक-एक दूसरे से हुए दूर
1669-70 में मुगल शासक औरंगजेब ने दक्षिण भारत पर अपना कब्जा कर लिया था। औरंगजेब अपने शासन में हिन्दू देवी, देवताओं के मंदिरो को निशाना बनाया था। एक लेख के मुताबिक, औरंगजेब ने हिन्दू मंदिरों को नष्ट करने के लिए सेना को विशेष आदेश दिए थे, जिनमें खंडेला और सनुला के मंदिर भी शामिल थे।
जब औरंगजेब की सेना ब्रज धाम पहुंची तो उसने वहां मंदिरों को निशाना बनाया। ऐसे में भक्तो ने ठाकुर जी के स्वरूप को बचाने के लिए जयपुर ले आये। आमेर के राजा मानसिंह ने गोविंदजी और गोपीनाथ जी के लिए मंदिर बनवाया। तब से अब तक यह दोनों मूर्ति जयपुर में विराजित है।
वहीं मदन मोहन जी के स्वरूप को भी पहले वृंदावन से जयपुर लाया गया था, लेकिन करौली के राजा गोपाल सिंह को मदन मोहन जी ने सपने में करौली आने का आदेश दिया था। इसलिए, उन्होंने मदन मोहन जी की प्रतिमा को जयपुर से करौली ले एक मंदिर में स्थापित किया।
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राजस्थान में ठाकुर जी के अन्य मंदिर
वैसे तो राजस्थान में कई ठाकुर जी के मंदिर हैं। जहां दुनियाभर से भक्त दर्शन करने के लिए आते है। लेकिन आज हम आपको कुछ विख्यात ठाकुर जी के मंदिरो के बारे में बताने जा रहे है –
- श्री गोविंद देव जी मंदिर (जयपुर)
- श्री गोपीनाथ जी मंदिर (जयपुर)
- श्रीनाथजी मंदिर (नाथद्वारा)
- श्री गोपीनाथ जी मंदिर (गोपीनाथपुरा)
- श्री मदन मोहन जी मंदिर (करौली)
- श्री मदन गोपाल मंदिर (जयपुर)
- श्री द्वारकाधीश मंदिर (अलवर)
- श्री राधा कृष्ण मंदिर (भरत)
- श्री कृष्णा मंदिर (जैसलमेर)
- श्री गोकुलनाथ जी मंदिर (चित्तौड़गढ़)
- श्री जगन्नाथ मंदिर (उदयपुर)
- श्री रामजी मंदिर (जयपुर)